Shared with Thanks to Deepak Rathi:-
सन् 1842 में 'जेम्स फ़्रेंकलिन' नाम का अंग्रेज़ है जो धातुकर्मी विशेषज्ञ था वो कहता है की:
"भारत का स्टील दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। भारत के कारीगर स्टील को बनाने के लिए जो भट्टियाँ तैयार करते हैं वो दुनिया में कोई नही बना पाता। इंग्लैंड में लोहा बनाना तो हमने 1825 के बाद शुरू किया भारत में तो लोहा 10वीं शताब्दी से ही हजारों हजारों टन में बनता रहा है और दुनिया के देशों में बिकता रहा है। मैं 1764 में भारत से स्टील का एक नमूना ले के आया था, मैंने इंग्लैंड के सबसे बड़े विशेषज्ञ डॉ॰ स्कॉट को स्टील दिया था और उनको कहा था की लंदन रॉयल सोसाइटी की तरफ से आप इसकी जांच कराइए। डॉ॰ स्कॉट ने उस स्टील की जांच कराने के बाद कहा की ये भारत का स्टील इतना अच्छा है की सर्जरी के लिए बनाए जाने वाले सारे उपकरण इससे बनाए जा सकते हैं, जो दुनिया में किसी देश के पास उपलब्ध नहीं हैं। अंत में वो कहते हैं की मुझे ऐसा लगता है की भारत का ये स्टील हम पानी में भी डालकर रखे तो इसमे कभी जंग नही लगेगा क्योंकि इसकी क्वालिटी इतनी अच्छी है।"
ये थी भारतीय तकनीक और अब हमें सिर्फ आयातित तकनीक पर भरोसा है।
Meaning in English:-
A Metallurgical Expert James Fanklin has told in the year 1842:-
The quality of Indian Steel is the best in the world. The Furnaces Indian artisans used to prepare in India can never be prepared in any other country. For the first time, in England the manufacture of steel was launched in the year 1825.Whereas, India was producing thousands and thousands tones of quantity of steel in/before 10th century. These Indian steels were sold out in every corner of the countries of the world. I had brought a sample of Indian Steel in the year 1764 and handed over it to the best Technician of World “Dr Scot” and requested him to get it tested through the Royal Society. After its testing Dr scot had told me the steel was of so good quality, that every equipment that is used in surgery can be prepared/manufactured by this Steel, which is not available in any other country. Lastly he told that, “as it appears to me that, even if the steel is inserted in water for a long time period, it shall never be rusted”.
This was the old/ancient Technic of India ,but now we only depend only upon imported techniques.
सन् 1842 में 'जेम्स फ़्रेंकलिन' नाम का अंग्रेज़ है जो धातुकर्मी विशेषज्ञ था वो कहता है की:
"भारत का स्टील दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। भारत के कारीगर स्टील को बनाने के लिए जो भट्टियाँ तैयार करते हैं वो दुनिया में कोई नही बना पाता। इंग्लैंड में लोहा बनाना तो हमने 1825 के बाद शुरू किया भारत में तो लोहा 10वीं शताब्दी से ही हजारों हजारों टन में बनता रहा है और दुनिया के देशों में बिकता रहा है। मैं 1764 में भारत से स्टील का एक नमूना ले के आया था, मैंने इंग्लैंड के सबसे बड़े विशेषज्ञ डॉ॰ स्कॉट को स्टील दिया था और उनको कहा था की लंदन रॉयल सोसाइटी की तरफ से आप इसकी जांच कराइए। डॉ॰ स्कॉट ने उस स्टील की जांच कराने के बाद कहा की ये भारत का स्टील इतना अच्छा है की सर्जरी के लिए बनाए जाने वाले सारे उपकरण इससे बनाए जा सकते हैं, जो दुनिया में किसी देश के पास उपलब्ध नहीं हैं। अंत में वो कहते हैं की मुझे ऐसा लगता है की भारत का ये स्टील हम पानी में भी डालकर रखे तो इसमे कभी जंग नही लगेगा क्योंकि इसकी क्वालिटी इतनी अच्छी है।"
ये थी भारतीय तकनीक और अब हमें सिर्फ आयातित तकनीक पर भरोसा है।
Meaning in English:-
A Metallurgical Expert James Fanklin has told in the year 1842:-
The quality of Indian Steel is the best in the world. The Furnaces Indian artisans used to prepare in India can never be prepared in any other country. For the first time, in England the manufacture of steel was launched in the year 1825.Whereas, India was producing thousands and thousands tones of quantity of steel in/before 10th century. These Indian steels were sold out in every corner of the countries of the world. I had brought a sample of Indian Steel in the year 1764 and handed over it to the best Technician of World “Dr Scot” and requested him to get it tested through the Royal Society. After its testing Dr scot had told me the steel was of so good quality, that every equipment that is used in surgery can be prepared/manufactured by this Steel, which is not available in any other country. Lastly he told that, “as it appears to me that, even if the steel is inserted in water for a long time period, it shall never be rusted”.
This was the old/ancient Technic of India ,but now we only depend only upon imported techniques.
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