Shared with Thanks to Mr Irshad Shaikh-
मेरे भाई जरा गौर से पढ़ना..
फिर जवाब देना..
कुछ लोग इस्लाम को बदनाम करने के लिए कहते है की इस्लाम..
औरतो को आज़ादी नही देता।
पहले देखते है की दुसरे धर्म क्या शिक्षा देते है।
बाइबिल में लिखा है की अगर कोई मर्द किसी औरत की तरफ गलत
नज़र से देखे तो उसकी आख निकल लेनी चाहिए। और अगर कोई
औरत अपना सर न ढके तो उसको गंजा कर देना चाहिए। तभी आप देखेंगे
की नन पूरे कपडे पहनती है. और उनके कपडे मुस्लिम औरतो जैसे
होते है। आप देखंगे मदर मैरी के फोटो को वो भी मुस्लिम लिबास
में होंगी।
रिग्वेद में लिखा है ,ब्रम्हा ने आप को नारी बनाया आप अपनी नज़र
नीची रखो और सर ढ़को (जिसको कहा जाता है घूँघट). आज घूँघट शहर
से विलुप्त हो चूका है केवल गाव में ही कही कही कोई औरत साड़ी के
पल्लू से घूँघट करती हुई दिखेगी। आप देखेंगे की सभ साध्वी पूरे कपडे
पहनती है. और आप देखेंगे की देवी माता के चित्रों में देवी माता पूरे
कपडे पहने होती हे।
क्युकी इस्लाम अंतिम सन्देश है इश्वर का तो इस्लाम में
पूरा ब्यौरा है की किस तरह के कपडे पहनने चाहिए और
क्या सजा होनी चाहिए उन लोगो को जो गलत काम करे।
इस्लाम में है की हर आदमी गैर औरत के सामने अपनी नज़र
नीची रखे। और औरते भी अपना जिस्म ढके। और
जो ऐसा नही करता उसको इस्लामिक शरिया कानून के हिसाब से
सजा मिलती है।
अब सवाल आत है, की आज़ादी है क्या।
पोर्न फिल्म्स में काम करना क्या आज़ादी है. रातो को नाईट
क्लब में ड्रग लेना क्या ये आज़ादी है, रातो को शराब के नशे में
घूमना क्या आज़ादी है. आज़ादी के नाम पर नंगा फिरना क्या ये
आज़ादी है. बॉयफ्रेंड के साथ घूमना फिरना गलत काम
करना क्या ये आज़ादी है। बिकिनी में घूमना क्या ये
आज़ादी है।
अगर ये आज़ादी है तो इस्लाम इस आज़ादी के खिलाफ है।
अब सवाल आता है की कोन सा धर्म है
जो औरतो को ऐसी आज़ादी देता है। आप मुझे उस धर्म का नाम
बताओ और में उसका समर्थन करने के लिए तैयार हु। ?
मेरे भाई जरा गौर से पढ़ना..
फिर जवाब देना..
कुछ लोग इस्लाम को बदनाम करने के लिए कहते है की इस्लाम..
औरतो को आज़ादी नही देता।
पहले देखते है की दुसरे धर्म क्या शिक्षा देते है।
बाइबिल में लिखा है की अगर कोई मर्द किसी औरत की तरफ गलत
नज़र से देखे तो उसकी आख निकल लेनी चाहिए। और अगर कोई
औरत अपना सर न ढके तो उसको गंजा कर देना चाहिए। तभी आप देखेंगे
की नन पूरे कपडे पहनती है. और उनके कपडे मुस्लिम औरतो जैसे
होते है। आप देखंगे मदर मैरी के फोटो को वो भी मुस्लिम लिबास
में होंगी।
रिग्वेद में लिखा है ,ब्रम्हा ने आप को नारी बनाया आप अपनी नज़र
नीची रखो और सर ढ़को (जिसको कहा जाता है घूँघट). आज घूँघट शहर
से विलुप्त हो चूका है केवल गाव में ही कही कही कोई औरत साड़ी के
पल्लू से घूँघट करती हुई दिखेगी। आप देखेंगे की सभ साध्वी पूरे कपडे
पहनती है. और आप देखेंगे की देवी माता के चित्रों में देवी माता पूरे
कपडे पहने होती हे।
क्युकी इस्लाम अंतिम सन्देश है इश्वर का तो इस्लाम में
पूरा ब्यौरा है की किस तरह के कपडे पहनने चाहिए और
क्या सजा होनी चाहिए उन लोगो को जो गलत काम करे।
इस्लाम में है की हर आदमी गैर औरत के सामने अपनी नज़र
नीची रखे। और औरते भी अपना जिस्म ढके। और
जो ऐसा नही करता उसको इस्लामिक शरिया कानून के हिसाब से
सजा मिलती है।
अब सवाल आत है, की आज़ादी है क्या।
पोर्न फिल्म्स में काम करना क्या आज़ादी है. रातो को नाईट
क्लब में ड्रग लेना क्या ये आज़ादी है, रातो को शराब के नशे में
घूमना क्या आज़ादी है. आज़ादी के नाम पर नंगा फिरना क्या ये
आज़ादी है. बॉयफ्रेंड के साथ घूमना फिरना गलत काम
करना क्या ये आज़ादी है। बिकिनी में घूमना क्या ये
आज़ादी है।
अगर ये आज़ादी है तो इस्लाम इस आज़ादी के खिलाफ है।
अब सवाल आता है की कोन सा धर्म है
जो औरतो को ऐसी आज़ादी देता है। आप मुझे उस धर्म का नाम
बताओ और में उसका समर्थन करने के लिए तैयार हु। ?
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