Shared with thanks to Mr Uma Kant Mishra
ईस्वर का पता...................
इक फकीर मांगने के लिए मस्जिद के बाहरबैठा रहा,
सब नमाजी आँख बचा कर चले गए ,,,,,,उसे कुछ नहीं मिला ,,,,
वो फिर चर्च गया ,फिर मंदिर और फिर गुरुद्वारा ........
लेकिन उसको किसी ने कुछ भी नहीं दिया ////
आखिर में इक मयखाने के बाहर बैठ गया ,
जो भी शराबी निकला ,उसके कटोरे में कुछ न कुछ डाल देता /
उसका कटोरा भर गया ,,,,,,फकीर बोला ,वाह रे उपर वाले .//
//रहते कहाँ हो और पता कहाँ का देते हो ...................
ईस्वर का पता...................
इक फकीर मांगने के लिए मस्जिद के बाहरबैठा रहा,
सब नमाजी आँख बचा कर चले गए ,,,,,,उसे कुछ नहीं मिला ,,,,
वो फिर चर्च गया ,फिर मंदिर और फिर गुरुद्वारा ........
लेकिन उसको किसी ने कुछ भी नहीं दिया ////
आखिर में इक मयखाने के बाहर बैठ गया ,
जो भी शराबी निकला ,उसके कटोरे में कुछ न कुछ डाल देता /
उसका कटोरा भर गया ,,,,,,फकीर बोला ,वाह रे उपर वाले .//
//रहते कहाँ हो और पता कहाँ का देते हो ...................
No comments:
Post a Comment