Tuesday, March 18, 2014


Jai Mata Di
निशुम्भ शुम्भ गर्जिनी प्रचंड मुंड खंडिनी |
बने रणे प्रकशिनी भजामि विंध्यवासिनी |
दारिद दुख्य हारिणी सुता विभूति कारिणी |
वियोग शोक हारिणी भजामि विंध्यवासिनी |
लत्सुलोल लोचनम लता सनम वरं पद्म |
कृपाल शूल धारिणी भजामि विंध्यवासिनी |
त्रिशूल मुंड धारिणी धरा विघात हारिणी |
गृहे गृहे निवाशिनी भजामि विंध्यवासिनी |
करो मुदा गदा धरा शिव शिव प्रदायिनी |
वरा वरा नना शुभा भजामि विंध्यवासिनी |

Jai Mata Di
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